अब जेनेरिक दवाईया नहीं लिखने पर डॉक्टर का लाइसेंस होगा रद्द, गरीब वर्ग के हित में आयोग का सराहनीय कदम

जनता के समुचित  इलाज के लिए भारत सरकार काफी प्रयासरत है। डॉक्टरों की इलाज और दवाइयों के कीमत अधिक होने के कारण गरीब जनता समुचित इलाज से वंचित रह जाती है । बीते कुछ सालों में सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था दुरुस्त की गई है साथ ही कई नए अस्पताल भी खोले गए है जिससे हर वर्ग के लोगों को समुचित इलाज मिल सके ।

अब जेनेरिक दवाईया नहीं लिखने पर डॉक्टर का लाइसेंस होगा रद्द, गरीब वर्ग के हित में आयोग का सराहनीय कदम

हाल ही में प्रधानमंत्री औषधि योजना के अंतर्गत हर जिले में कई जेनेरिक औषधियों की दुकाने खोली  जा रही हैं । इन सभी दुकानों में बहुत ही कम कीमत पर दवाइयां उपलब्ध कराई जाती हैं जिससे हर वर्ग के लोग बहुत ही कम कीमत में इलाज कर सकें ।

हालांकि सबसे बड़ी दिक्कत या आती है कि कोई भी लोकल प्राइवेट डॉक्टर इलाज के दौरान केवल ब्रांडेड दवाई का नाम लिख देते हैं जिस कारण से लोग ब्रांडेड दवाई खरीदने पर मजबूर हो जाते हैं । ब्रांडेड दवाइयों पर अच्छा कमीशन मिलता है जिस कारण से डॉक्टर ब्रांडेड दवाइयां ही लिखते हैं । इस कारण से जेनेरिक दवाई दुकानों पर बिक्री बहुत ही कम होती है ।

इस समस्या को देखते हुए राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग ने नए नियम जारी कर दिए हैं कि सभी चिकित्सकों को इलाज के दौरान जेनेरिक  दवाई ही  लिखनी होगी। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है । आयोग ने यह भी कहा है कि  नियम तोड़ने पर कुछ समय तक चिकित्सकों का लाइसेंस रद्द किया जा सकता है । अगर ऐसी गलती बार-बार होती है तो डॉक्टर का लाइसेंस हमेशा के लिए रद्द किया जा सकता है ।

डॉक्टर द्वारा की जा रही इस गलती को रोकने के लिए आयोग द्वारा कार्यशाला का भी आयोजन किया जा रहा है जहां नैतिकता व्यक्तिगत और सामाजिक संबंधों को लेकर सभी डॉक्टरों को जागरूक किया जाएगा ।सरकार द्वारा उठाया गया कदम काफी सराहनीय है इससे लोगों को समुचित इलाज मिल पाएगा ।


Posted

in

by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *